"मानव जीवन का साथी – आंवला (Amla) | रोग प्रतिरोधक, बालों और पाचन के लिए अमृत फल"

May 07, 2025
आयुर्वेद ज्ञान
"मानव जीवन का साथी – आंवला (Amla) | रोग प्रतिरोधक, बालों और पाचन के लिए अमृत फल"

मानव जीवन का साथी


ईश्वर के खज़ाने से वैसे तो हर प्रकार के सुख मिले हैं परन्तु यदि उन्हें कहीं दुःख मिलता है, तो प्रभु ने उस दुःख का इलाज भी साथ ही करवा रखा है।


इसमें कोई संदेह नहीं कि यह संसार दुःखों का घर है, परन्तु ईश्वर ने हर दुःख को सुख में बदलने के पूरे उपाय कर रखें हैं। मानव जाति के स्वास्थ्य की रक्षा के लिये हज़ारों जड़ी बूटियां सैंकड़ों प्रकार के फल-फूल पैदा किये हैं, इनमें सब में अधिक उपयोगी एक आवंला को भी माना गया है। तभी इसे मानव जीवन का साथी कहते हैं।


आवंला एक और गुण हैं अनेक-


दिमाग को तेज़ करें-


जिन लोगों की स्मृण शक्ति कम हो गई है अथवा कमज़ोर है। उनके लिये-


पिसा हुआ बारीक आंबला दो चम्मच शहद में मिलाकर एक गिलास गाए के दूध के साथ सेवन करने से बुद्धि तेज़ होती है। स्मृण शक्ति बढ़ती है।


सुबह उठकर आंवले के रस का एक चम्मच दो चम्मच शहद में मिलाकर खाने से मंद बुद्धि लोग भी ठीक हो जाते हैं।


सदा जवान रहना-


जो लोग सदा जवान रहना चाहते हैं, उनको हर रोज़ सुबह उठते ही दो आंवले बारह वर्ष से कम आयु वाले तथा चार आंवलों का रस बारह वर्ष से ऊपर वाले लोगों के लिये पीना जरूरी है, फिर बुढ़ापे का क्या काम ?


मर्दाना कमजोरी को दूर करे तथा शीघ्र पतन का उपचार-


आंवले के अदंर जो लोह तत्व हैं वे मानव शरीर को स्वस्थ रखने के लिये अति आवश्यक हैं, इसलिये जो लोग अपने शरीर तथा मर्दाना शक्ति को बनाए रखना चाहते हैं उन्हें इस प्रकार से आंवले का सेवन करना होगा।


आंवला सूखा 250 ग्राम, अथवा अधिक इसे कूट पीस कर छान लें। 250 ग्राम पिसी हुई हल्दी को इस में मिला कर देसी घी में भून लें।


जब यह अच्छी तरह भुन जाए तो इन दोनों के वज़न जितनी मिश्री कूट कर मिला दें। बस आपके लिये शक्तिशाली चूर्ण तैयार है। अब दो चम्मच सुबह दो शाम को गाए के दूध के साथ लेने से आनन्द से अपनी खोयी शक्ति प्राप्त करें।


दिल और दिमाग की कमज़ोरी दूर करें-


इन रोगियों को आंवले का प्रयोग इस प्रकार से करना चाहिए-


दिन और रात के भोजन को करते समय बीच में आंवलें का रस 20 से 25 ग्राम तक पीलें, यह क्रम कम से कम आठ सप्ताह तक चलना चाहिए, इस से दिल का रोग ठीक होगा और दिमाग भी तेज़ हो जाएगा।


स्वप्न दोष-


स्वप्न दोष रोग की आड़ में हमारे देश में जितनी लूट पड़ी है उसका जवाब दुनियां में कहीं नहीं मिलता। मेरे विचार में तो स्वप्न दोष कोई रोग ही नहीं है, जवानी की आयु में ऐसा होना स्वाभाविक बात है। इसलिये यदि आप इसे रोग को इतनी अधिक गंभीरता से नहीं लें, हां सुरक्षा के लिये आंवले के मुरब्बा बड़ा हो तो उसे छोटा हो तो दाने हर रोज़ सुबह शाम खाने से इस रोग से मुक्ति मिलती है।


कांच के बर्तन में 25 ग्राम सूखे आंवले का चूर्ण डाल कर बूरा 100 ग्राम पानी में मिला लें फिर उसे दस घंटे तक भिगोकर रखा रहने दें। 10 घंटे के पश्चात् उसे किसी मलमल के कपड़े में छान लें, छने हुए आंवले के पास में एक चम्मच हल्दी मिला लें और उसके पश्चात् पी जाये, एक मास तक इसे पीतें रहें स्वप्न दोष रोग जड़ से जाता रहेगा।


शूगर (मधुमय)


शूगर रोगियों के लिये आंवले का रस शहद में मिला कर पीने से यह रोग ठीक हो जाता है।

सफेद पानी (नारी रोग)-


नारी रोग में सबसे अधिक चिंता जनक रोग यही होता है, क्योंकि यह रोग अंदर ही अंदर खोखला कर देता है, डाक्टर लोग इस आड़ में खूब लूटते हैं परन्तु आराम फिर भी नहीं होता।


इस रोग का उपचार इस प्रकार है:-


दो ग्राम आंवले का चूर्ण, पांच ग्राम शहद में मिला कर तीस दिन तक प्रयोग करने से यह रोग दूर हो जाता है।


तेज़ खून का रोग-


तेज खून के रोगियों के लिये- हर रोज आंवले का मुरब्बा सुबह के समय खाने से कुछ दिनों में रक्त चाप में फर्क पड़ जाता है।


आंखो के रोगों के लिये-'


आंखो से बढ़कर और कोई चीज़ कीमती नहीं। इसलिये आंखो की सुरक्षा का प्रबंध तो आपकी सब से पहले करना चाहिए। वैसे ज्ञानी जनों का कहना भी है।


'नाक में अंगुली कान में तिनका मत कर मत कर मत कर' और 'दांतों में मंजन आंखों में अंजन नित कर नित कर नित कर'


आंखों को रोगों से बचाने के लिये सुरमा लगाने की बात जो कही गई है। इस के लिये आपको-


पांच ग्राम सूखे आंवले पानी में भिगो देने चाहिए। सुबह उठकर आंवले के इस पानी से आंखो को धो दें। इससे बढ़िया अंजन और कहां मिलेगा जो लोग इसका निरंतर प्रयोग करते हैं, उनको आंखों में कभी कोई रोग नहीं आता ।


धात रोग


धात रोग अंदर ही अंदर युवकों को खोखला कर देता है। इसलिये इस रोग का उपचार बड़े ध्यान से करना चाहिए। मैं तो कहूंगा इस बारे में ढ़ील नहीं बरतनी चाहिए। बाजारी नीम हकीमों और विज्ञापन छाप डाक्टरों से बचकर रहना चाहिए, और साधारण उपचार से ही इस रोग को ठीक करना चाहिए। यह नुस्खा इस प्रकार है।


आंवले का रस दो चम्मच, शहद एक चम्मच, इन दोनों को एक बड़े मच में मिला कर हर रोज़ सुबह ही निराहार मुंह लेने से धात रोग ठीक चम्मच हो जाता है।


गर्म चीजों का खाना वर्जित है।


बालों के रोग तथा आंवला-


बाल झड़ने पर-


यदि किसी नर-नारी के बाल झड़नें लगें तो सूखे आंवले पानी में भिगों दें, रात को भिमोए गए इन आंवले के पानी से बालों को हर रोज घोएं और आंवले का ही तेल बालों में लगाएं।


सफेद बाल काले करना-


मेंहदी और सूखे आंवले को पीस कर पानी में भिगो कर आटे की भांति गूंद कर फिर बालों पर लगा कर चार घंटे तक सूखने दें,


“सूखने के पश्चात् उस सादा पानी अथवा केश निखार साबुन से धो दें थोड़ी देर के पश्चात् सिर में आंवले का ही तेल लगाएं, इससे आपके बाल प्राकृति रूप जैसे काल नज़र आंएगें।


सप्ताह में एक बार ऐसा करने से धीरे-धीरे बालों का रंग बदलना शुरू हो जाता है।


दांतों के रोग और आंवला-


दांतों के बिना तो कोई भी स्वाद नहीं रह जाता इसलिये दांतों की सुरक्षा इन्सान के लिये बहुत जरूरी है। महंगे से महंगे टुथ पेस्ट भी वह काम नहीं कर सकते जो दांतों की रक्षा के लिये जरूरी होते हैं। इसलिये आप को चाहिए कि दांतों के लिये आंवले को कूट पीस कर उसमें कपूर डालकर दांतों पर मलें, दिन में तीन बार इस मंजन को मलने से दांत मोतियों की तरह चमकने लगेंगे और इन के अंदर के कीड़े भी मर जांएगें।

पत्थरी रोग-


पथरी रोग एक ऐसा रोग है जिस का नाम सुनते ही लोग डर के मारे कांपने लगते हैं क्योंकि आज के डाक्टर तो केवल इतना ही जानते हैं कि पथरी का उपचार तो आपरेशन के बिना और कोई नहीं? मगर हम कहते हैं कि पथरी को बिना आपरेशन भी ठीक किया जा सकता है। कैसे ?


हरे आंवले का रस निकाल कर मूली के रस के साथ मिलाकर सेवन करने से एक मास के अंदर यह पथरी रोग ठीक हो जाता है।


खूनी बवासीर-


बवासीर के रोगियों के लिये सब से अच्छा उपचार यही है कि- सूखे आंवले को बारीक पीस कर हर रोज़ सुबह गाए के दूध के साथ तथा सोते समय छाछ के साथ सेवन करते रहें। ठीक चालीस दिन तक यह उपचार चलेगा यदि आपको आराम नहीं आता तो फिर नये सिरे से शुरू कर दें।


जिगर की खराबी-


जिन लोगों के जिगर खराब है, भूख नहीं लगती उनके लिये आंवले का बारीक चूर्ण गाए के दूध के साथ अथवा सादा पानी के साथ लेने से जिगर रोग ठीक हो जाते हैं और भूख भी खूब लगती है।


संग्रहणी (पेचिश) -


जिन लोगों की पाचन शक्ति कम जो जाती है तथा पेट में दर्द रहता है। उन्हें तो अक्सर कब्ज अथवा पेचिश की शिकायत रहती है उन्हें-


आंवले का चूर्ण तथा काला नमक मिला कर दोनों को बारीक पीस लें फिर छलनी से छान कर उसका कचरा निकाल दें।


इस चूर्ण को एक आम चम्मच, ताजा पानी के साथ ले लेने से पेचिश समाप्त हो जाती है।


यदि पेट में अधिक दर्द उठता हो तो दवाई को गर्म पानी के साथ सेवन करें।


हृदय रोगी-


आंवले का मुरब्बा तथा आंवले का चूर्ण निरंतर सुबह शाम लेते रहने से हृदय रोग से मुक्ति मिल जाती है।

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