"संतरा (Orange) – रोग प्रतिरोधक क्षमता, त्वचा और पाचन के लिए आयुर्वेदिक सुपरफूड"

May 16, 2025
आयुर्वेद ज्ञान
"संतरा (Orange) – रोग प्रतिरोधक क्षमता, त्वचा और पाचन के लिए आयुर्वेदिक सुपरफूड"

संतरा छोटा फल जरूर है, परन्तु उसके गुण तो बड़े फलों से भी अधिक है, आम लोगों का इसकी तासीर का नहीं पता।


यह शीतल मधुर और स्वादिष्ट होता है पेट रोगों के लिये इसका सेवन अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ है।

जिन लोगों के शरीर में खून की कमी है. उस कमी को दूर करने में संतरे का सहयोग बहुत ही लाभदायक है।


शक्तिमान-


जी हां, इस संतरे का दूसरा नाम शक्तिमान ही रखा गया है, यानी संतरा खाएं और शक्ति पाएं,


जो बच्चे बचपन में दुबले पतले होते हैं, उनके शरीर सूखे सूखे लगते हैं। उन्हें दूध में संतरे का जूस मिला कर हर रोज़ पिलाते रहने से उन की कमजोरी दूर हो जाती है।


दांत निकालने में आराम-


जब बच्चे दांत निकालने लगते हैं, तो उन में प्राकृतिक रूप से जो कमजोरी आ जाती है उसे दूर करने के लिये संतरे का रस दिन में तीन चार बार देते रहें हो सके तो दूध में मिलाकर भी पिलाते रहें, इस से बच्चों की सेहत भी ठीक रहती है और दांत भी आराम से निकल आते हैं।


बड़े लोगों के लिये-


जो लोग अधिक कमजोरी का शिकार होने के कारण निढ़ाल से पड़े रहते हैं, उन सब को सुबह एक गिलास संतरे का रस पीना चाहिए इस से कमजोरी दूर हो जाती है।


कब्ज़ रोग से मुक्ति दिलाए-


कब्ज़ सब बीमारियों की मां है। इसलिये जिन लोगों के कब्ज़ रोग हो वे सबसे पहले इस ओर ध्यान दें, कब्ज़ के उपचार के लिये सुबह के नाश्ते में संतरे के जूस का एक गिलास थोड़ी सी गूलकन्द भी साथ में लेने से कब्ज़ दूर हो जाती है, पेट साफ रहता है।


गैस रोग से मुक्ति-


जिन लोगों का पेट खराब हो उन्हें अधिकतर गैस रोग लग जाता है। उन्हें सुबह, दोपहर, शाम नारंगी का प्रयोग करना चाहिए। इससे गैस रोग दूर हो जाता है।


भूख न लगने पर-


नांरगी की फांकों पर पिसी हुई सौंठ डालकर ऊपर से काला नमक छिडक कर दो संतरे सुबह के समय खाने से खूब भूख लगेगी और शरीर में नयी शक्ति भी पैदा होगी।


स्नायु रोग-


स्नायु रोगियों के लिये संतरे का सेवन बहुत ही लाभकारी है। यदि ऐसे रोगी सुबह उठते ही खाली पेट संतरे का रस काली मिर्च और काला नमक डालकर पिएं तो स्नायु रोग से मुक्ति मिल जाएगी।


कील मुहांसे-


जवानी के दिनों में तो आम लोगों को कील मुहासे निकल ही आते हैं, जिन के कारण उनके चेहरे बहुत बुरे लगने लगते हैं, इस रोग का उपचार. इस प्रकार से किया जा सकता है।


नांरगी के छिलको को सुखा कर उन्हें अच्छी तरह कूट पीस कर कपड़े से छान लें। फिर नींबू के रस में मिला कर मुंह पर लगाने से कील मुहांसे साफ हो जाते हैं।


मलेरिया बुखार-


दो संतरों के छिलके उतारकर दो कम पानी में उबाल लें जब पानी आधा रह जाए तो उन्हें नीचे उतार कर उस रस को छान कर दिन में चार बार पीने से मलेरिया बुखार दूर जाएगा।


खून साफ करे-


संतरा एक ऐसा फल है जो मानव शरीर के अंदर जाकर खून की सफाई करता है। साथ ही नया खून भी पैदा करता है।


शूगर रोगियों के लिए-


यदि किसी इन्सान को शूगर का रोग लगा हो तो उसे संतरे का सेवन नहीं करना चाहिए।


गर्भवतियों के लिए-


गर्भवती नारी के शरीर के अंदर पल रहे बच्चे को भी खुराक की जरूरत पडती है। इसी कारण इन दिनों में उन नारियों का स्वास्थ्य खराब हो जाता है। इस स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हर गर्भवती को दिन में तीन बार संतरे का रस एक-एक गिलास देना चाहिए। इससे बच्चा और उसकी मां दोनो ही ठीक रहते हैं।


दांत रोग, पायरिया-


संतरे के छिलके सुखा कर उन्हें अच्छी तरह कूट पीस कर इसे छान कर मंजन करने से पायोरिया रोग हट जाता है।

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