सब फलों में अधिक शक्तिशाली
अंगूर सब फलों से अधिक शक्तिशाली तथा गुणवान फल है यदि इसका प्रयोग आम दिनों में भी किया जाए तो यह शरीर को अधिक शक्तिशाली बनाता है। इस चीज का ध्यान रहे कि शक्तिशाली शरीर ही निरोगी होते हैं। इस प्रकार से अंगूर का सेवन आपको बिना रोग के भी करते ही रहना चाहिए।
"अंगूर की तासीर-तर-गर्म है"
अंगूर और अंडे के बारे में तो डाक्टरों का यह मत है कि यह दोनों चीजें
गले से नीचे उतरते ही खून में घुल जाती हैं और शरीर को शक्ति देती हैं। इन में से अंगूर का रस मस्तिष्क को सब से अधिक शक्ति देता है जो लोग अधिक दिमाग का काम करते हैं उन्हें अंगूर का रस हर रोज सुबह उठ कर पीना चाहिए।
अंगूर से निम्न रोगों का इलाज हो सकता है-
भूख न लगे, पेट की खराबी-
जिन लोगों के पेट में खराबी रहती है और भूख नहीं लगती उन्हें दिन में तीन बार अंगूर का रस पीना चाहिए। इस से पेट के अन्य रोग भी ठीक हो जाएंगे।
टी. बी. रोग
जिन लोगों के फेफड़े कमज़ोर हो गए हों खांसी के मारे बुरा हाल हो, समझ लो कि वे टी बी रोग का शिकार है। ऐसे लोगों को दिन में चार बार अंगूर का रस देना चाहिए। छः मास के प्रयोग से टी बी जैसा भंयकर रोग ठीक हो जाता है।
जुकाम, नजला (फ्लू)-
हर रोज सुबह उठकर 100 ग्राम अंगूर खाने से पुराने से पुराना नज़ला, जुकाम दूर हो जाते हैं।
हृदय रोग-
हृदय रोग को आजकल अति भंयकर रोग समझा जा रहा है कुछ लोग तो इस का नाम सुनते ही डर के मारे कांपने लगते हैं और उन्हें अपनी मौत निकट नज़र आने लगती है।
ऐसा क्यों ?
जब अंगूर से शर्तिया हृदय रोग का उपचार हो सकता है तो फिर आपको चिंता करने की जरूरत ही क्या है ?
हृदय रोगी को सुबह उठते ही 100 ग्राम अगूर खिला दें, दोपहर को भी इतने ही अंगूर खाने को दें, रात को सोते समय 250 ग्राम गाए का दूध तथा 100 ग्राम अंगूर खाने को देते रहने से रोगी शीघ्र ही स्वस्थ्य हो जाएगा।
मिरगी-
भंयकर रोग मिरगी जिसको एक बार लग जाता है उसकी जान लिये बिना नहीं जाता। मिरगी के रोगी का कोई भरोसा नहीं होता कि कब और कहां उसे दौरा पड़ जाए और वह बीच सड़क में गिर जाए।
मिरगी रोगियों को दिन में चार पांच बार अंगूर खिलाते रहें तो वे शीघ्र ठीक हो सकते हैं।
नारी रोग, गर्भावस्था-
अक्सर गर्भावस्था में औरतों के कमज़ोरी हो जाती है जिसका प्रभाव उस होने वाले बच्चे पर बहुत बुरा पड़ता है कई बार तो बच्चे अंदर ही मर जाते हैं।
ऐसी औरतों को यदि दिन में चार पांच बार 100 ग्राम अंगूर खाने को दें तो वे बच्चे को आराम से जन्म दे सकेंगी। साथ ही बच्चे का स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
नारी रोग सफेद पानी-
औरतों के लिये सफेद पानी जान लेवा रोग माना जाता है इस रोग में भी दिन में चार पांच बार अंगूरों का सेवन बहुत ही उपयोगी माना जाता है।
पुरानी खांसी-
पुरानी खांसी, काली खांसी का रूप धारण करके अत्यंत कष्टदायक हो सकती है रोगी सारी-सारी रात और दिन खांसकर दुःख के मारे तड़पता रहता है।
ऐसे रोगियों के लिये अंगूर खाना बहुत अच्छा है। निरंतर अंगूरों के सेवन से यह रोग जड से चला जाता है।
बच्चो की कमज़ोरी-
जब भी बच्चें दांत निकालने लगते हैं तो उनके शरीर में काफी कमज़ोरी आ जाती है। इस उम्र के बच्चों को दिन में चार बार पांच-पांच दाने अंगूर के खाने को देते रहें। यदि बच्चा अंगूर खाने योग्य न हो तो उसे अंगूरो का रस निकाल कर पिला दें।
औरतों के दूध में वृद्धि-
जिन औरतों के बच्चे के जन्म के पश्चात् दूध कम उतरता हो उनको अंगूर खिलाने से दूध पूरी मात्र में दूध आने लगता है।
पेशाब रोग-
हर प्रकार के पेशाब रोगों में अंगूर खाना बहुत लाभदायक है।
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