अनार
"एक अनार सौ बीमार"
यह बात भले ही कितनी पुरानी हो जाए मगर यह कार्य सिद्धि के लिये आज भी उतनी ही नई है जितनी कि पहले कभी थी।
'एक अनार सौ बीमार' का अर्थ है कि किसी हकीम के पास अनार तो एक था और रोगी आ गए सौ। अब वह किस किस का उपचार करें, दूसरे शब्दों में इसे ऐसे भी कहा जा सकता है कि अनार का फल इतना अधिक गुणकारी है कि जो इसे खाने से रोगी ठीक हो जाता है। भले ही अनार एक हो और रोगी अनेक। फिर भी पलड़ा अनार का ही भारी है।
अनार द्वारा निम्न रोगो का इलाज हो सकता है-
स्वप्न दोष
युवा वर्ग में यह रोग सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। इस रोग के नाम पर कुछ नक्ली डाक्टरों, हकीमों ने लोगों को खूब लूटा है। इसलिये स्वप्न दोष के रोगी इसे ध्यान से पढ़ें, इन रोगियों के लिये-
अनार का छिलका सुखा कर उसे बारीक कूट-पीस कर कपड़े से छान लें। फिर पांच-पांच ग्राम की पुड़ियां बना कर दिन में तीन-चार बार गुलाब के शर्बत के साथ रोगी को देने से यह रोग ठीक हो जाता है।
मासिक धर्म का अति अधिक आना-
नारी रोगों में इसे बहुत ही भंयकर रोग माना गया है; इस रोग का यदि समय पर उपचार न किया जाए तो यह अनेक और रोग पैदा करता है,
उपचार-
अनार के छिलकों को अच्छी तरह सुखाकर उन्हें कूट पीस कर कपड़े से छान लें फिर इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर 4-4 ग्राम की गोलियां बना लें-
सुबह उठकर निराहार मुंह ठंडे पानी से एक गोली लेने से यह रोग जाता रहता है, यदि रोग पुराना हो तो सोते समय भी एक गोली ले लें।
दस्त
अनार के सूखे छिलको को 15 ग्राम लेकर उन्हें पीस कर पानी में उबाल लें साथ में दो लौंग भी डालकर अच्छी तरह उबाल लें। फिर नीचे उतार कर बारीक छलनी से छान लें। उसमें से आधा-आधा चम्म्च कम से कम दिन में चार बार पीने से पेट ठीक हो जाता है।
एक बड़ा अनार लेकर उसमें चारों ओर मिट्टी का लेप करें फिर उसे हल्की आग पर भून लें जब वह अच्छी तरह पक जाए तो उसे फोड़कर उसमें से दानें निकाल लें। उन दानों का रस निकाल कर उस रस में थोड़ा सा शहद मिला लें। इसकी तीन तीन चम्मच दस्त रोगी को चार-चार घंटे बाद देते रहें। चौबीस घंटे में यह रोग ठीक हो जाएगा।
उल्टी तथा दिल का मचलना-
जिन लोगों को उल्टी आती हो, खट्टी डकारें आती हों; दिल मचलता हो। उन्हें सुबह शाम दो पहर अनार का रस पिलाने से यह सब रोग ठीक हो जाते हैं।
लू लगना तथा गर्मी-
लू लगने अथवा गर्मी का झटका लगने पर अनार का रस पी लेने से आराम आता है।
जिगर का खराब-
सुबह निराहार मुंह एक गिलास अनार का रस पीने से जिगर के सारे रोग ठीक हो जाते हैं तथा पाचन शक्ति बढ़ती है।
खांसी-
खांसी रोग में अनार का छिलका पानी में भिगो कर बारह घंटो के पश्चात् छिल्को को किसी कपड़े में डालकर उन्हें बर्तन में निचोड़ कर पानी निकाल कर थोड़ी मिश्री उसमें मिलाकर रोगी को सोते समय पिला दें तो खांसी का ज़ोर कम हो जाता है एक सप्ताह तक इसका प्रयोग करने से खांसी का रोग ठीक हो जाता है।
सुन्दरता का रक्षक-
जी हां, सौ रोगों का उपचार करने वाला यह अनार आपकी सुन्दरता का भी रक्षक है- कैसे
अनार के छिलकों को अच्छी तरह सुखा कर बारीक पीस कर छान लें उस के बारीक चूर्ण को गुलाब के अरक में मिला कर रात को सोते समय मुंह पर मलकर सो जाएं सुबह उठकर चेहरे को साबुन से साफ कर के देखें। आपके चेहरे का रंग कैसा निखर आया है।
बवासीर-
पिसे हुए अनार के छिलकों को बारीक कूट पीस कर उन्हें छान कर चूर्ण तैयार कर के सुबह निराहार मुंह बाए बड़ा चम्मच गुलाब के शर्बत के साथ चालीस दिन तक लेने से हर प्रकार की बवासीर ठीक हो जाती है।
बाल घने करें और गंजापन दूर करें-
अनार के पत्तों को पानी में अच्छी तरह उबाल कर पहले उस पानी से सिर को धो लें फिर पत्तों को पीस कर उन का लेप बालों पर करने से बाल काले घने और लम्बे हो जाते हैं।
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