"पथरी (Kidney Stone): कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज | Ayurvedic Treatment of Stone"

Apr 01, 2025
आयुर्वेद ज्ञान
"पथरी (Kidney Stone): कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज | Ayurvedic Treatment of Stone"

पथरी जिसे संस्कृत में अश्मरी के नाम जाना जाता है अप्राकृतिक आहार-विहार,अपथ्यकारी वस्तुओ के अधिक सेवन,मल-मूत्र के वेगों को रोकना,चिकनाई वाले पदार्थ का उपयोग ,एक ही औषधि का अधिक सेवन करने जैसे अनेकों कारणों से होने वाला रोग है | 

 जो मुख्यतः 2  स्थानों में होती है –  (1 ) पित्ताशय (2 ) मूत्राशय 

शरीर के रोगी होने पर उसका प्रभाव यकृत  पर पड़ता है,जिस कारण यकृत पर बना पित्त  विकृत होने से पित्ताशय में पहुंचकर उसमे सूजन था दर्द पैदा करता है |  जिसके परिणामस्वरूप पित्ताशय में जमा पित्त और कफ वायु के द्वारा सूखकर कठोर हो जाता  है जिसे पथरी कहते हैं | 

इसी प्रकार शरीर की नैसर्गिक  प्रतिकूल कार्यों को करने से जब बस्ती स्थान  की वायु में विकार आता है तब वहाँ रहने वाले मल,मूत्र कफ,पित्त एवं वीर्य सूखकर सख्त  है जिन्हे मूत्राशय की पथरी  कहते हैं | 

लक्षण- पथरी रोग के उत्पन्न होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं –

उस स्थान में असहनीय दर्द होता है| कभी-कभी दर्द के साथ उल्टी भी होती है | इस रोग के पैदा होने पर भूख कम  लगती है | 

पित्ताशय की पथरी में खाना ठीक से नहीं पचता है | अक्सर अजीर्ण की शिकायत बनी रहती है | पेट में कब्ज की परेशानी से रोगी का मन बेचैन सा रहता है | पसलियों से लेकर नाभि तक लम्बे समय तक हल्का सा दर्द होता रहता है | मूत्राशय की पथरी में पेशाब दर्द के साथ-साथ रुक-रुक कर होती है | 

कारण – मनुष्य यदि चिकनाई वाले पदार्थों का अधिक इस्तेमाल करता है तो उससे  पित्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ जाती है,जिससे पित्तक्षार और घुलनशील कोलेस्ट्राल अघुलनशील बनकर पित्ताशय में पथरी का रूप धारण कर लेती है और जब यह पथरी पित्ताशय से बाहर निकलने की कोशिश करती है,सुराग बारीक होने के कारण रगड़ खाने से यकृत के स्थान पर भयंकर दर्द होने लगता है | 

इसी प्रकार लापरवाही व जाने-अनजाने में दूषित खान-पान से दूषित हुए रक्त से और वह विकृत पदार्थ गुर्दों द्वारा छनकर मूत्र बनकर मूत्राशय में एकत्रित होता रहता है और मूत्र नलिका के रस्ते बाहर निकलता है लेकिन कभी-कभी यह स्वाभाविक प्रक्रिया बाधित हो जाती है,क्योकि जब शरीर की तप्त वायु मूत्राशय में आने वाले अशुद्ध मूत्र को सुखाकर पत्र जैसा बना देती है,तब मूत्राशय की पथरी की वेदना सम्बंधित व्यक्ति को सताने लगती है | 

उपचार- उचित आहार-विहार,संतुलित भोजन,अनेक औषधियों वनस्पतियों के नियमानुसार सेवन आदि के उपायों द्वारा पथरी रोग से अपना बचाव कर  सकते हैं,लेकिन पथरी रोग होने पर उसकी आयुर्वेदिक चिकित्सा निम्न प्रकार से  सकती है –

  1.  टिंडे का रस 30 मि.ली. और जवाखार 10 ग्राम मिलाकर तकरीबन एक हफ्ते लगातार पीने से पथरी रोग में आराम मिलता है | 

  2. अपामार्ग वनस्पति के क्षार को भेड़ के मूत्र के साथ लेने से फायदा होता है | 

  3. 2 ग्राम जवाखार,कच्चा सुहागा 2 ग्राम एक साथ  पीसकर 20 ग्राम गोखरू के रस में मिलाकर पीने से पथरी गल जाती है| 

  4. रोगी को सुबह- सुबह भिंडी की जड़ का काढ़ा तथा भोजन के साथ इसकी सब्जी और जूस देने से फायदा होता है | 

  5. कुल्थी (दाल) के वीजों का काढ़ा बनाकर कुछ दिनों तक लगातार पीने से पथरी गलकर निकल जाती है | 

  6. मूली के रस में थोड़ी मात्रा में जवाखार घोलकर प्रत्येक दिन दोनों समय पीने से कुछ दिन बाद पथरी पेशाब के साथ टूटकर बाहर  निकल जाती है | 

  7. एरंड  के साथ हींग और नमक मिलाकर कुछ दिनों तक पीने से पथरी टूटकर निकलने लगती है| 

  8. पाषाणभेद की जड़ को कुछ दिनों तक चबाने या पीसकर उसका पाउडर बनाकर जल के साथ लेने से पथरी निकल जाती है | 

  9. जवाखार,सोंठ दारुहल्दी और हरड़ इनको समान भाग लेकर पीस छानकर 6 ग्राम दही के साथ पानी मिलाकर पीने से पथरी गल जाती है | 

  10. सहिजन की सब्जी को लगातार कुछ दिनों तक खाने से मूत्राशय की पथरी टूटकर पेशाब के रस्ते निकल जाती है | 

  11. जैतून का तेल एक-एक चम्मच कागजी नींबू के रस के साथ मिलाकर दिन में ३ बार कुछ दिनों तक लगातार पीने से लाभ होता  है|

उपचार करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रारंभिक अवस्था में ही अधिक कारगर सिद्ध होती है,विशेष रूप से पित्ताशय की पथरी में अन्यथा ऑपरेशन द्वारा ही चकित्सा संभव है | 

पथरी के रोगी को पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए | इसके अतिरिक्त खट्टे रसदार एवं ताजे फल गेहूं का दलिया,शहद,छुआरा,बादाम,सब्जी, सलाद,किशमिश,नीबू रस,मठ्ठा आदि का सेवन करना चाहिए | मांस,मछली,अंडे,चीनी,टमाटर,बैगन,अचार,चर्बीवाले पदार्थ,मसाले,मिठाई आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए | 


Recent Posts

AYURVEDIYAUPCHAR

At AyurvediyaUpchar, we are dedicated to bringing you the ancient wisdom of Ayurveda to support your journey toward holistic well-being. Our carefully crafted treatments, products, and resources are designed to balance mind, body, and spirit for a healthier, more harmonious life. Explore our range of services and products inspired by centuries-old traditions for natural healing and wellness.
आयुर्वेदीय उपचार में, हम आपको आयुर्वेद के प्राचीन ज्ञान को समग्र कल्याण की ओर आपकी यात्रा में सहायता करने के लिए समर्पित हैं। हमारे सावधानीपूर्वक तैयार किए गए उपचार, उत्पाद और संसाधन स्वस्थ, अधिक सामंजस्यपूर्ण जीवन के लिए मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। प्राकृतिक उपचार और कल्याण के लिए सदियों पुरानी परंपराओं से प्रेरित हमारी सेवाओं और उत्पादों की श्रृंखला का अन्वेषण करें।

All categories
Flash Sale
Todays Deal