"पुदीना: दैनिक जीवन में उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि | Benefits of Mint in Daily Life"

Apr 01, 2025
आयुर्वेद ज्ञान
"पुदीना: दैनिक जीवन में उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि | Benefits of Mint in Daily Life"

दैनिक जीवन में उपयोगी है पुदीना 


पुदिना एक सुगन्धित एवं उपयोगी औषधि है | आयुर्वेद के मतानुसार यह स्वादिष्ट,रुचिकर,पचने में हल्का,तीक्ष्ण,तीखा,कड़वा,पाचनकर्ता और उल्टी मिटाने वाला,ह्रदय को उत्तेजित करने वाला,विकृत कफ को बाहर लाने वाला तथा गर्भाशय-संकोचक एवं चित्त को प्रसन्न करने वाला,जख्मों को भरने वाला और कृमि,ज्वर,विष,अरुचि,मंदाग्नि,अफरा,दस्त,खांसी, श्वाश, निम्नरक्त चाप,मूत्राल्पता,त्वचा के दोष,हैजा,अजीर्ण,सर्दी-जुकाम आदि को मिटाने वाला है |


पुदीना में विटामिन “ए” प्रचुर मात्रा में पाया जाता है |इसमें रोग प्रतिकारक शक्ति उत्पन्न करने की अद्भुद सामर्थ्य है एवं पाचक रसों को उत्पन्न करने की भी क्षमता है | पुदीना में अजवायन के सभी गुण पाए जाते हैं |


पुदीना के बीज से निकलने वाला तेल स्थानिक एनेस्थेटिक,पीड़ा नाशक एवं जंतुनाशक होता  है | इसके तेल की सुगंध से मच्छर  भी भाग  जाते हैं 


विशेष - पुदीना का रस लेने की मात्रा है 5  से 20 ग्राम तथा इसके पत्तों के चूर्ण को लेने की  मात्रा तीन से छ: ग्राम काढ़ा लेने की  मात्रा दस से चालीस ग्राम और अर्क लेने की मात्रा दस से चालीस ग्राम तथा बीज का तेल लेने की मात्रा आधी बूँद से तीन बूँद है | 



औषधि के रूप में प्रयोग 


  1. मलेरिया - पुदीना एवं तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम लेने से अथवा पुदीना एवं अदरक का रस एक-एक चम्मच सुबह शाम लेने से लाभ होता है | 

  2. वायु एवं कृमि - पुदीना के दो चम्मच रस में एक चुटकी काला नमक डालकर पीने से गैस तथा वायु एवं पेट के कृमि नष्ट हो जाते हैं | 

  3. पुराना सर्दी जुकाम एवं निमोनिया - पुदीना के रस की दो-तीन बूँद नाक में डालने एवं पुदीना तथा अदरक के एक-एक चम्मच रस में शहद मिलाकर दिन में दो बार पीने से लाभ होता है | 

  4. अनार्तव - अल्पार्तव- मासिक धर्म न आने पर या कम आने पर अथवा वायु एवं कफ दोष के कारण बंद हो जाने पर पुदीना के काढ़े में गुड़ एवं चुटकीभर हींग डालकर पीने से लाभ होता है | इसमें कमर की पीड़ा में भी आराम होता है | 

  5. आंत का दर्द - अपच,अजीर्ण,अरुचि,मंदाग्नि,वायु आदि रोगो में पुदीना के रस में शहद डालकर ले अथवा पुदीना का अर्क लें | 

  6. दाद- पुदीना के रस में नीबू  मिलाकर लगाने से दाद मिट जाती है | 

  7. उल्टी,दस्त,हैज़ा-पुदीना के रस में नीबू का रस,अदरक का रस एवं शहद मिलाकर पिलाने अथवा अर्क देने से ठीक हो जाता है | 

  8. बिच्छू का दंश -पुदीना का रस दंशवाले स्थान पर लगाए एवं उसके रस में मिश्री मिलाकर पिलाये | यह प्रयोग तमाम जहरीले जंतुओं के दंश में उपचार में काम आ सकता है | 

  9. हिस्टीरिया - रोज़ पुदीना का रस निकालकर उसे थोड़ा गर्म कर के सुबह-शाम नियमित रूप से देने पर लाभ होता है | 

  10. मुख-दुर्गन्ध - पुदीना के रस में पानी मिलाकर अथवा पुदीना के काढ़े का घूँट मुँह में भरकर अथवा पुदीना के काढ़े का घूँट भरकर रखें,फिर उगल दें | इससे मुख-दुर्गन्ध का नाश होता है | 

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