(१) कान दर्द - प्याज पीसकर उसका रस कपडे से छान लें| फिर उसे गर्म कर के चार बूँद कान में डालने से कान का दर्द समाप्त हो जाता है |
(२) दांत दर्द - हल्दी एवं सेंधा नमक महीन पीसकर,उसे शुद्ध सरसों के तेल में मिलाकर सुबह-शाम मंजन करने से दातों का दर्द ठीक होता है |
(३) दातों के सुराख़ - कपूर को महीन पीसकर दातों पर ऊँगली से लगावें और उसे मलें | सुराखों को भली प्रकार से साफ़ कर लें| फिर सुराखों के नीचे कपूर को कुछ समय तक दबाकर रखने से दातों का दर्द निश्चित रूप से समाप्त हो जाता है |
(४) बच्चों के पेट के कीड़े - छोटे बच्चों के पेट में कीड़े हों तो सुबह एवं शाम को प्याज का रस गर्म कर के,एक तोला पिलाने से कीड़े अवश्य मर जाते हैं |
(५) गिल्टी का दर्द - प्याज पीसकर उसे गर्म कर लें| फिर उसमें गो-मूत्र मिलाकर छोटी सी टिकरी बना लें| उसे कपडे के सहारे गिल्टी पर बांधने से गिल्टी एवं गिल्टी समाप्त हो जाती है |
(६) पेट के केंचुए - एक बड़ा चम्मच सेम के पत्तों का रस एवं शहद बराबर मात्रा में मिलाकर प्रातः,दोपहर एवं शाम को पीने से पेट के केंचुए एवं कीड़े चार-पांच दिन में मरकर बाहर निकल जाते हैं|
(७) छोटे बच्चों का वमन - पके हुए अनार के फल का रस गुनगुना कर के सुबह,दोपहर एवं शाम को एक एक चम्मच पिलाने से शिशु वमन अवश्य बंद हो जाता है|
(८) कब्ज दूर करने हेतु- एक बड़े साइज का नीबू काटकर रात्रिभर ओस में पड़ा रहने दें| फिर प्रातः काल एक गिलास चीनी के शर्बत में उस नीबू को निचोड़कर तथा शर्बत में नाम मात्र का काला नमक डालकर पीने से कब्ज दूर हो जाता है |
(९) कान की फुंसी - लहसुन को सरसों के तेल में पकाकर,उस तेल को सुबह,दोपहर,शाम को कान में २-२ बूँद डालने से कान के अंदर की फुंसी बह जाती है एवं दर्द समाप्त हो जाता है|
(१०) आग से जल जाने पर - कच्चे आलू को पीसकर रस निकाल लें,फिर जले हुए स्थान पर उस रस को लगाने से आराम हो जाता है | इसके अतिरिक्त इमली की छाल जलाकर उसका महीन चूर्ण बना लें,उस चूर्ण को गो-घृत में मिलाकर जले हुए स्थान पर लगाने से आराम होता है|
(११) कुकुर-खांसी - फिटकरी को तवे पर भून लें और उसे महीन पीस लें | तत्पश्चात तीन रत्ती फिटकरी के चूर्ण में सम भाग चीनी मिलाकर सुबह,दोपहर शाम को सेवन करने से कुकुर खासी ठीक हो जाती है|
(१२) सिर दर्द - सोंठ को बहुत महीन पीसकर बकरी के शुद्ध दूध में मिलाकर नाक से बार-बार खींचने से सभी प्रकार के सिर दर्द में आराम होता है|
(१३) फोड़े - नीम की मुलायम पत्तियों को पीसकर गो-घृत में उसे पकाकर फोड़े पर हल्के कपडे के सहारे बांधने से भयंकर एवं पुराने तथा असाध्य फोड़े भी ठीक हो जाते हैं |
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