देखने में सब से छोटां परन्तु गुणों में सब से मोटा यह बारह मासी फल, खट्टा तो जरूर है, मगर गुणों में सबसे अधिक शक्ति रखने वाले पीले रंग के इस लिटल मास्टर को नींबू कहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं
1. छोटा नींबू
2. बड़ा नींबू
वास्तव में कागजी नींबू बहुत गुण वाले माने जाते हैं इनके रस में जो शक्ति अथवा गुण हैं वे बड़े नींबू में नहीं होते।
इन दो प्रकार नींबुओं के साथ अन्य नींबुओं की किस्म इस प्रकार से हैं- जम्बीरी नींबू, बिहारी नींबू, मीठा नींबू । इन तीनों किस्म के नींबुओं को प्रयोग में कम ही लाया जाता है। अधिकतर प्रयोग में आने वाले कागज़ी नींबू या धोता नींबू हैं। इनकी पहचान के लिये सब से अच्छा तरीका यही हे कि इस नींबू को हाथ से दबाकर देखो कि इसका छिलका पतला है या मोटा, यदि छिलका पतला है तो उसे कागज़ी नींबू कहते हैं यही सब से अच्छा गुणकारी नींबू कहा जाता है। बड़े नींबू मोटे छिलके वाले होते हैं जो सबसे बड़े आकार के होते हैं, उनको गलगल कहते हैं।
छोटे नींबू के लाभं -
अम्ल पित्त-
नींबू का रस अम्ल का विनाश कर देने वाले हैं, यदि नींबू के ताजा रस को हल्के गुनगुने पानी में डालकर सायंकाल को पी लिया जाए तो अम्ल पित्त रोग से मुक्ति मिल जाती है, इस दवा को कम से कम एक मास तक सेवन करें और एक दिन में छः बार लें।
पुरानी कब्ज़ -
कब्ज़ के बारे में डाक्टरों का यह कहना है कि कब्ज़ सब बीमारियों की जड़ है। यदि आप अनेक रोगों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो पहले इस कब्ज़ से मुक्ति पालें।
कब्ज़ कैसे दूर हो-
नींबू का रस (कागजी नींबू रस) गर्म पानी के साथ रात को सोते समय लेने से पुरानी से पुरानी कब्ज़ दूर हो जाता है। नींबू का रस और चीनी (एक पूरा नींबू) तथा दो चम्मच चीनी इन तीनों को अच्छी तरह घोलकर पी लेने से पुरानी कब्ज़ दूर हो जाती है पेट साफ रहता है तो भूख भी खूब लगती है।
पेचश रोग-
दूध में नींबू को निचोड़ कर पीने से पेचश रोग से मुक्ति मिल जाती है यह नुस्खा दिन में पांच बार प्रयोग में लाना जरूरी है।
आधा गिलास ताज़ा पानी में आधा नींबू निचोड़ कर दिन में चार बार पीने से दस्त आने रूक जाते हैं।
मिट्टी के बर्तन में अढाई सौ ग्राम दूध डालें उसमें एक चम्मच चीनी और एक छोटे कागजी नींबू का रस निचोड़ कर तीनों को मिला लें फिर पेचिश के रोगी को पिला दें दिन में चार बार इसका सेवन करने से लाभ होगा।
आधा कागजी नींबू हल्की सी अफीम केवल नाम मात्र, (जौ के दाने से भी आधी) उसे किसी सूई से नींबू के अंदर मिला दें; फिर उसे हल्की आंच पर गर्म करें, थोड़ा ठंडा होने पर चूस लें यह क्रम हर चार घंटे बाद करते रहें पेचिश रोग दो दिन में ठीक हो जाएगा।
उल्टी, हैजा, बदहजमी -
इन सब रोगों का उपचार नींबू द्वारा करने के लिये-
नींबू में चीनी और काली मिर्च दोनों भरकर चूसने से उल्टी आनी रूक जाती है, दिल का मचलना भी बंद हो जाता है।
कागजी नींबू में छोटी इलायची कूट पीस कर अंदर डाल दें फिर उसे चूसते रहने से आपकी उल्टी रूक जाएगी साथ ही खट्टे डकार आने बंद हो जाएंगे।
वात रोग उपचार-
वात रोग के मारे आज करोड़ों लाग चितिंत हैं। इसके उपचार के लिये डाक्टरों के पास धक्के खाते फिरते हैं। इतना धन खर्च करने पर भी जब वे रोग मुक्त नहीं हो पाते तो आज मैं उन सब रोगियों की बात बता देना चाहता हूं, कि सुबह के समय खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक कागज़ी नींबू का रस डालकर पीने से उनके अंदर से सारा गंदा मादा पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाएगा, इसके साथ ही आपको वात रोग से आराम मिलेगा, यह नींबू पानी तो सदा ही पीते रहें तो भी लाभ है।
जोड़ो का दर्द-
जोड़ो का दर्द एक ऐसा रोग है जिसके कारण इन्सान चलने फिरने से भी मजबूर हो जाता है और आज के डाक्टर जो दवाइयां देते हैं उन से दस रोग और पैदा हो जाते हैं। यह साधारण सी दवा आप की जोड़ो के दर्द से मुक्ति दिला देगी।
जिन जोड़ों पर दर्द होता हो उन पर नींबू के पानी की मालिश करते रहने से कुछ दिनों के पश्चात् यह दर्द ठीक हो जाएगा।
गठिया-
गठिया रोगियों के लिये, हर रोज सुबह उठकर खाली पेट एक गिलास पानी में नींबू काला नमक मिला कर पीने से गठिया दूर हो जाता है।
चर्म रोग-
चर्म रोगों से हमारे देश में बहुत से लोग दुःखी हैं। कुछ लोगों का यह कहना भी कितना विचित्र लगता है, कि दमा दम के साथ और चर्मरोग शरीर के साथ ही जाते हैं। मगर मैं समझता हूं, कि जब तक हमारे लिटिल मास्टर नींबू जी हैं। तो किसी भी रोग का उपचार असंभव नहीं है। अज चर्म रोग वाले लोग भी सुन लें कि नींबू सब प्रकार के चर्म रोगों को ठीक कर सकता है नींबू का रस निकाल कर चर्म रोग वाले स्थान पर लगा कर अच्छी तरह -से मालिश करें।
नारियल के तेल के अंदर नींबू का रस मिलाकर लगाने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं।
यदि खुजली अधिक होती है और दाने निकल आए हों तो नींबू के रस और नारियल का तेल मल कर के लगाने से लाभ होता है।
जिन लोगों को खुजली की शिकायत हो उन्हें नहाने के गर्म पानी में नींबू का रस निचोड़ कर फिर खूब स्नान करें तो इस रोग से मुक्ति मिलती है।
चेहरे के कील मुहारों, दाग-
जवानी जब फूट कर निकलती है तो चेहरे पर अनेक फोड़े, फुंसियां, कील-मुहासें आकर तंग करने लगते हैं, जिनके कारण वहां पर दाग भी पड़ जाते हैं। जो अक्सर युवकों को परेशान करते हैं। यदि नींबू के रस को हर रोज़ सोते समय उन पर लगाया जाए तो काफी आराम मिलता है।
बालों के रोग तथा उपचार-
आजकल युवावस्था में ही लोगों के बाल सफेद होने लगे हैं, जिसका परिणाम यह निकला कि लोग जवानी में ही बूढें नज़र आ रहें हैं। यह भी किसी रोग से कम नहीं इस रोग से बचने के लिये-
पिसा हुआ आंवला नींबू के रस में मिला कर हर रोज सुबह बालों पर लगाएं तो कुछ दिनों के प्रयोग के पश्चात् ही बाल प्राकृतिक रूप में काले नजर आने लगेंगे ।
नहाने से पहले नीबू के रस से सिर में अच्छी तरह मालिश करवाई जाए तो बालों का झड़ना तथा सफेद होना रूक जाता है, यदि सिर में जूएं हों तो वो भी मर जाती हैं।
नारियल के तेल में नींबू का रस मिला कर हर रोज़ मालिश करने से बाल मजबूत तथा चमकीलें, काले रहते हैं, सिर में सिकरी भी नहीं होती और बालों का झड़ना भी रूक जाता है।
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